Uttarakhand Tunnel Collapse: कब मिलेगी नई जिंदगी? टनल में 150 घंटे से अटकीं सांसें, नई मशीन से होगा कमाल! अभी क्या है 40 मजदूरों को हाल

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नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित निर्माणाधीन सिल्क्यारा-बरकोट सुरंग (Uttarkashi Tunnel Collapse) के मलबे में फंसे 40 लोगों को अब भी नई जिंदगी मिलने का इंतजार है. सुरंग ढहने की वजह से मलबे में फंसे 40 मजदूर 150 घंटे से राहत की सांस का इंतजार कर रहे हैं, मगर अब तक कोई खास कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है. उन सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशें युद्ध स्तर पर जारी हैं, मगर बार-बार आ रही बाधाओं ने मुसीबत खड़ी कर दी है. दरअसल, सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए एक बड़ी कवायद की जा रही है. कल शाम अचानक “खटखटाने की आवाज” सुनने के बाद बचाव अभियान रुक गया और ड्रिलिंग मशीन में खराबी आ गई. मगर अब वायु सेना सी-130 हरक्यूलिस सैन्य विमान पर इंदौर से दूसरी मशीन ला रही है और इसके पहुंचते ही बोरिंग का काम फिर शुरू हो जाएगा.

अधिकारियों की मानें तो घटनास्थल पर दूसरा भारी ड्रिल भेजा जा रहा और सुबह तक इंदौर से आ रही इस मशीन से बोरिंग का काम फिर से शुरू होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि इस नई मशीन से अच्छी खबर मिल सकती है. फिलहाल, उत्तरकाशी टनल में 24 मीटर तक बोरिंग कर मशीन लगाई गई है और अगले 30 से 35 मीटर तक अच्छी खबर मिल सकती है. करीब साठ मीटर पर मजदूरों के फंसे होने की संभावना है.

सूत्रों ने कहा कि एक और मशीन इंदौर से मंगाई गई है और इसके बाद ही बोरिंग काम फिर से शुरू होगा. अभी पाइप लाइन बिछाने का काम बाधित है. वहीं, टनल में मलबे की जियोफिजिकल स्टडी कराई जा रही है. दिल्ली से ऑपरेशन साइट पर साइंटिस्ट की टीम पहुंची है. मलबे में बड़े बोल्डर और मशीनों के दबे होने की आशंका है. ऐसे में जियोफिजिकल स्टडी से ही पूरी तस्वीर साफ होगी. आशंका यह भी जताई जा रही है कि बोरिंग के दौरान बोरिंग मशीन फिर खराब हो सकता है.

गौरतलब है कि सुरंग का एक हिस्सा धंसने के बाद रविवार सुबह से 40 मजदूर फंसे हुए हैं. अधिकारियों ने कहा कि सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें छेद में ड्रिल किए गए स्टील पाइप के माध्यम से भोजन और पानी की आपूर्ति की जा रही है. सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों के परिवार भी अब दुर्घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं और वे उम्मीद खो रहे हैं. इनमें से एक मजदूर के भाई, जो हरिद्वार से आए हैं, ने कहा कि मजदूरों की तबीयत बिगड़ने से पहले उन्हें जल्दी से बचाया जाना चाहिए.

Uttarkashi Tunnel Collapse Update: कब मिलेगी नई जिंदगी? टनल में 150 घंटे से अटकीं सांसें, नई मशीन से होगा कमाल! अभी क्या है 40 मजदूरों को हाल

डॉक्टरों ने फंसे हुए श्रमिकों के लिए व्यापक पुनर्वास की आवश्यकता पर भी जोर दिया है. उन्हें डर है कि लंबे समय तक सुरंग के मलबे रहने से मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ेगी. बता दें कि 12 नवंबर को निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे 40 श्रमिक मलबे में फंस गए. ड्रिलिंग के दौरान मलबा गिरने से उन तक पहुंचने के प्रयास धीमे हो गए हैं, क्योंकि बचाव दल लोगों को सुरक्षित रूप से रेंगने के लिए पाइप के माध्यम से धक्का देने के लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे. शुक्रवार शाम को बड़े पैमाने पर दरार की आवाज सुनाई देने के बाद ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया.

Tags: Uttarakhand news, Uttarkashi Latest News, Uttarkashi News

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