आप भी अक्‍सर खाते हैं एंटीबायोटिक दवा? भूलकर भी न करें ये 3 गलतियां, हो सकती हैं जानलेवा

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हाइलाइट्स

दुनिया में एंटी माइक्रोबियल रेजिस्‍टेंस की वजह से लाखों मौतें हो रही हैं.
एम्‍स के विशेषज्ञों का कहना है कि बैक्‍टीरिया के लिए नई एंटीबायोटिक्‍स दवाएं बनाने की जरूरत है.

Antibiotics for Bacterial Infection: किसी भी मौसम में होने वाले बैक्‍टीरियल इन्‍फेक्‍शंस के लिए डॉक्‍टर्स अक्‍सर एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं. ऐसा बीमारी का इलाज और बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए करते हैं. हालांकि कई बार लोग खुद भी दवा खाते-खाते एंटीबायोटिक दवाओं की जानकारी कर लेते हैं और सामान्‍य बीमारी में डॉक्‍टर के पास जाने के बजाय किसी की सलाह पर या खुद से एंटीबायोटिक्‍स खा लेते हैं. इन दवाओं से फायदा तो होता है लेकिन इन्‍हें लेते समय अन्‍य दवाओं के मुकाबले विशेष सावधानी की जरूरत होती है.

अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो एंटीबायोटिक दवाओं को लेने के फायदे के बजाय इसका बड़ा नुकसान हो सकता है. हालांकि यह भी सच है कि अक्‍सर लोग इन्‍हें खाते हुए तीन कॉमन गलतियां करते हैं. आइए बताते हैं क्‍या हैं वे गलतियां, जिन्‍हें करने से बैक्‍टीरिया जानलेवा हो जाता है.

बैक्‍टीरिया की वजह से 12 लाख लोगों की मौत
हाल ही में एम्‍स ट्रामा सेंटर के अध्‍यक्ष डॉ. कामरान फारुकी ने एम्‍स के एक अध्‍ययन के माध्‍यम से बताया कि साल 2019 में पूरी दुनिया में करीब 12 लाख लोगों की मौत बैक्‍टीरियल संक्रमण की वजह से हुई थी. यह ऐसे बैक्‍टीरिया का हमला था जिन पर किसी भी एंटीबायोटिक दवा का असर नहीं हो रहा था. ये बैक्‍टीरिया एंटीबैक्टीरियल दवाओं के प्रति रेजिस्‍टेंट हो चुके थे और लगभग सुपर बग बन गए थे. बैक्‍टीरिया की इस स्थिति को मेडिकल क्षेत्र में एंटी माइक्रोबियल रेजिस्‍टेंस कहा जाता है.

कोई दवा नहीं करती काम
डॉ. कामरान कहते हैं कि यह स्थिति तब आती है जब कोई बैक्‍टीरिया, फंगस, वायरस या पैरासाइट दवा के प्रति रेजिस्‍टेंट हो जाता है और बग या सुपर बग बनने लगता है, वह समय समय पर अपना रूप बदलने लगता है और कोई भी दवा उसके खिलाफ काम न‍हीं कर पाती है. यह स्थिति काफी खतरनाक होती है क्‍योंकि इस स्थिति में बीमारी का इलाज नहीं हो पाता है और मरीज की मौत हो जाती है.

एंटीबायोटिक का इस्‍तेमाल बिना सलाह न करें
दिल्‍ली एम्स के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर और दिल्‍ली के प्राइमस सुपर स्‍पेशिलिटी अस्‍पताल में जैरिएट्रिक मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. विजय गुर्जर कहते हैं कि डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक (एंटीमाइक्रोबियल) दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यह काफी नुकसानदेह हो रहा है.

ये 3 गलतियां करते हैं लोग

. डॉ. विजय कहते हैं कि पहली गलती है बिना डॉक्‍टरी सलाह के, रिश्‍तेदार के कहने या खुद की मर्जी से एंटीबायोटिक दवाओं को लेना. हमेशा याद रखें कि एंटीबायोटिक दवाएं चिकित्‍सकीय सलाह से ली जाएं.

. दूसरी गलती है लोग एंटीबायोटि‍क दवाओं का कोर्स पूरा नहीं करते. जैसे ही बीमारी में फायदा पड़ता है लोग दवाओं को लेना बंद कर देते हैं. पांच दिन के बजाय दो चार दिन ही एंटीबायोटिक लेते हैं या रोजाना की पूरी खुराक नहीं लेते हैं, गैप कर देते हैं. ऐसा करना सबसे खराब है. एक बार ऐसा कर दिया तो अगली बार यह दवा बैक्‍टीरिया पर असर करना बंद कर देती है और बैक्‍टीरिया इसके प्रति रेजिस्‍टेंट हो जाता है.

. तीसरी सबसे बड़ी गलती है कि कल्‍चर टेस्‍ट के बाद ही ये दवाएं प्रिस्क्राइब करें. जैसे किसी को सीने में संक्रमण है तो बलगम का कल्‍चर कराकर ही दवा दें. अगर पहले ही एंटीबायो‍टिक दवा खा ली जाए तो इससे कल्‍चर टेस्‍ट गड़बड़ा जाता है. इसलिए जरूरी है कि एंटीबायोटि‍क लेते समय से 3 गलतियां न करें.

एंटीबायोटिक्‍स से बन जाते हैं सुपर बग
डॉ. विजय कहते हैं कि जब इनमें से एक भी गलत तरीके से एंटीबायोटिक्‍स ली जाती हैं तो फिर बैक्‍टीरिया सुपर बग बन जाते हैं जो आजकल आईसीयू आदि में मिलते हैं. ये वे मरीज होते हैं जिनपर कोई एंटीबायोटिक्‍स काम नहीं करती, या फिर एक या दो दवाएं ही काम कर पाती हैं. इन मरीजों के शरीर में सभी एंटीबायोटिक दवाएं बैक्‍टीरिया रेसिस्‍टेंट हो चुकी होती हैं. इसका नुकसान यह होता है कि फिर व्‍यक्ति को कोई इलाज नहीं मिल पाता या उसके शरीर पर कोई इलाज काम नहीं करता और मरीज मौत के मुंह में चला जाता है.

Tags: Antibiotics, Bacteria, Lifestyle, Trending news

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